April 19, 2025
नाम उत्पत्ति:
बाघ की आंख, जिसका नाम बाघ की नजरों जैसा चमकदार सुनहरा-भूरे रंग का पट्टियों के कारण पड़ा है, प्राचीन काल से ही शक्ति और स्पष्टता के पत्थर के रूप में सम्मानित किया जाता रहा है।
ऐतिहासिक मूल:
मिस्र: सूर्य देवता रा के साथ सुरक्षा और संबंध के लिए ताबीज में इस्तेमाल किया जाता है।
एशिया: चीनी संस्कृति में, इसे "बाघ का पत्थर" (虎眼石) कहा जाता है, माना जाता है कि यह धन को आकर्षित करता है और नकारात्मकता को दूर करता है।
अफ्रीकायोद्धाओं ने इसे युद्ध में साहस के लिए पहना था।
बाघ की आंख एक लोकप्रियग्राउंडिंग स्टोनक्रिस्टल उपचार में:
मानसिक स्पष्टता: भावनाओं को संतुलित करता है, अनिर्णय को कम करता है।
आत्मविश्वास बढ़ानाइसे भय को दूर करने के लिए "सशक्तिकरण का पत्थर" कहा जाता है।
सुरक्षा: पारंपरिक रूप से "बुरी आंख" और नकारात्मक ऊर्जा को भटकाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रकट होना: व्यवसाय में प्रचुरता और भाग्य से जुड़ा हुआ है (जिसे अक्सर "व्यापारी पत्थर" कहा जाता है) ।